Tuesday, April 09, 2013

कविता का फलक


कविता का फलक बहुत विस्तृत होता है, प्रत्येक विधा का अपना सौन्दर्य है, अपनी भाव भंगिमा है, अपना महत्त्व है, कोई विधा कम या बढ़तर नहीं होती है, किसी विधा विशेष को आपने किस सीमा तक साधना करके साध लिया है यह महत्त्व रखता है। हाइकु भी एक कविता है, हाइकु में जो कुछ कहा जाता है उससे अधिक अनकहा रह जाता है पाठक हाइकु को पढ़ने के बाद उस अनकहे को भी खोजने का प्रयास करता है और इस तरह पाठक भी सृजनशीलता से जुड़ जाता है। यही कारण है कि किसी हाइकु के अलग अलग अर्थ लगाये जा सकते हैं, किसने क्या अर्थ लगाया है यह उसकी क्षमता पर निर्भर करता है। प्रतीक और बिम्ब जितने सहज होंगे हाइकु उतना ही प्रभावशाली होगा।

डा० जगदीश व्योम

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